संतो द्वारा प्रयागराज महाकुंभ त्रिवेणी संगम की धारा में चिट्ठी डालकर कर्मयोगी एड.बीएल शर्मा की तलाश
ठाणे।कर्मयोगी एड बी एल शर्मा की याद में प्रयागराज महाकुंभ में विश्वशांति और जनकल्याण के त्रिवेणी संगम की धारा चिट्ठी डालकर गंगा मैया से कामना की है। हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने व अच्छा कार्य करने वालों की राह में लोगों ने रोड़ा डाला है। इसी तरह कर्मयोगी स्वर्गीय एड बी शर्मा के साथ भी हुआ। वे हमेशा विरोधियों की परवाह न करते हुए सच्चाई के मार्ग पर चलकर समाज, साहित्य और राष्ट्रभाषा के प्रचार प्रसार करते रहे। वह लोगों को ज्ञान देते हुए कम समय में संसार छोड़कर चले गए।
आज उनकी कमी खल रही है,बीएल को चाहने वाले याद कर रहे हैं। भगवान परशुराम और हनुमान भक्त जैसे कई रूप बीएल शर्मा ने दिखाए। 144 वर्ष में आने वाले महाकुंभ में बीएल को चाहने वाले साधु संतों के मार्गदर्शन में उनकी खोज हो रही है। पर वह कहि नहीं मिल रहे है । एड बी एल शर्मा का दर्शन नहीं होने पर साधु संतों ने ही विचार किया, क्यों न यह कार्य गंगा मैया को सौंप दिया जाय। अंत में गंगा मैया को संदेश की चिट्ठी सौंपने का निर्णय लिया गया है। और एड बी एल शर्मा के नाम से एक चिट्ठी साधु संतों के द्वारा संगम पर गंगा मैया को सुपुर्द किया जाएगा।
चिट्ठी के माध्यम से कामना की जाएगी कि गंगा मैया यह चिट्ठी बी एल शर्मा तक पहुंचा देना। जिसमें भगवान श्रीराम और भगवान परशुराम की चरणों में विश्व कल्याण और मानव कल्याण के साथ सत्य की जीत और अधर्म के नाश का संदेश होगा। यह कार्य जुना अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी श्री परेश यती जी महाराज के सानिध्य में आचार्य पंडित अवनीश पांडे काशी के वैदिक ब्राह्मणों के साथ कर रहे हैं। साथ ही
तीर्थ प्रयागराज महाकुंभ में कर्मयोगी स्वर्गीय एड बी एल शर्मा की याद में जयंती के दूसरे दिन वसंत पंचमी के पावन पर्व पर 3 फरवरी को श्रीमद गीता पाठ और भंडारा का आयोजन किया गया। इसी दौरान त्रिवेणी संगम की धारा में साधु संतों के द्वारा चिट्ठी छोड़ी जाएगी। यह एड बी एल शर्मा की द्वतीय जयंती 144 वर्ष में आने वाले महाकुंभ के अवसर पर आई। संत ज्ञानेश्वर ,भक्त सुदामा , चाणक्य जैसे महान पुरुषों ने समाज को दिशा दिया। जिनकी प्रेरणा से एड बी एल शर्मा ने भगवान श्रीराम और हनुमान भक्त के रूप समाज को एक राह दिखाया और असमय चले गए। जिनकी याद में परिवार व समाज खोया हुआ है।
