गुरु अंबिका अखाड़े द्वारा गुरुपूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया
भोजपुरी बिरहा बिहारी परिवार के साथी कलाकार उपस्थित रहे
संवाददाता,दिनेश शुक्ला
ठाणे। गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य पंडित अंबिका गुरु अखाड़े की तरफ गुरुपूजा महोत्सव कार्यक्रम भोजपुरी बिरहा बिहारी परिवार लोकगीत गायक कलाकार की उपस्थिति में मनाया गया। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम ठाणे शहर के सावरकर नगर स्थिति टीएमसी स्कूल क्रमांक-120 हॉल में 27 जुलाई रविवार के दिन दोपहर 12 बजे से रात्रि 8 बजे तक आयोजित था। कार्यक्रम की शुरुआत शिवसेना के नगरसेवक श्री एकनाथ भोइर,व अडोकेट विनय सिंह के कर कमलों से दीप प्रज्वलन कर किया गया।
उक्त अवसर पर बीजेपी के नेता केपी शर्मा कवि,एजुकेशनल ट्रस्ट के कृष्णमुरारी राय,मध्य रेलवे आर पीएफ के उप निरीक्षक पवन सिंह,कार्यक्रम के आयोजक छोटेलाल यादव,कार्याध्यक्ष अमर बहादुर मौर्य,अडोकेट जगदम्बा शुक्ला,रूपेश पाण्डेय,सलाहकार दिनेश शुक्ला,कैलाश चन्द्र शुक्ला,माखनलाल विश्वकर्मा सहित अन्य साथी कलाकर उपस्थित रहे।
भोजपुरी बिरहा उत्तर प्रदेश पूर्वांचल की मिट्टी से निकली हुई उत्तर प्रदेश, बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में गाई जाने वाली पारंपरिक भोजपुरी लोकगीत है। बिरहा के माध्यम सामाजिक,धार्मिक,इतिहास,तत्कालिक घटनाओं पर आधारित बिरहा लोकगीत को सुनने व समझने वालो तक पहुचाई जाती है,इसमें वीररस,हास्यरस ,व्यंग भी सुनने को मिलता है।देश विदेश में पूर्वाचल क्षेत्रों के रहने वाले लोग इस गीत बड़े चाव से सुनते है।
बिरहा के जनक स्व.बिहारी लाल यादव जी को गुरु बिहारी के नाम से जाना जाता है। बिहारी गुरु बनारस के शिवानन्द जी महाराज के सानिध्य में बिरहा लोकगीत को सिखकर गायक कलाकार बने थे ,बिहारी जी के कई शिष्य हुए जो बिरहा परम्परा को आगे बढाते चले आ रहे है। उन शिष्यों में गुरुपत्तू,गुरुगणेश ,गुरुरम्मन जी के अलावा भी कई और शिष्य हुए थे । जो अलग अलग अखाड़ो के नाम से जाने जाते है।
इनमें पंडित गुरु अंबिका अखाड़ा बिहारी गुरु जी के मार्सेगदर्शन में शुरू हुआ है।पंडित अंबिका तिवारी जी बनारस रेलवे में कार्यरत थे,वह पढ़े लिखे विद्वान थे और बिरहा के प्रेमी भी थे।पंडित अंबिका जी बिहारी गुरु के सानिध्य में रम्मन गुरु घराने के लिए गीत लिखते रहे।इनकी लिखी हुई गीत को उस जमाने में गायक कलाकार गाते रहे। कुछ समय पश्चात अंबिका जी ने गुरु बिहारी जी को सिन्नी देना चाहते थे,लेकिन बिहारी जी सिन्नी लेने से इंकार कर दिया था, कहा कि आप एक ब्राह्मण परिवार से आते है।आप हमारे लिए पुज्यनीय है।हम आपके गुरु नहीं बन सकते है।
इस पर अंबिका तिवारी जी ने कहा कि फिर हम क्या करें,इस प्रश्न पर बिहारी जी ने कहा कि पंडित जी अपना खुद अखाड़ा बनाकर गीत लोगों को सुनाइये। तभी से पंडित अंबिका गुरु अखाड़े की उत्तपत्ति हुई है। अंबिका गुरु अखाड़े में एक बढ़कर एक लेखक गायक कलाकार हुए जो अपनी गीत के माध्यम से आम जनमानस तक बिरहा लोकगीत को पहुंचाया है,इस आशय की जानकारी हमें अंबिका गुरु के पौत्र श्री हनुमान कवि जी ने दी है।हनुमान कवि जी भी बिरहा के प्रेमी है।
वर्तमान गायक बिरहा सम्राट विजयलाल यादव,दुर्जन यादव,विश्वनाथ यादव,दीपक सिंह,सियाराम यादव, रामजनम जांबाज,ओमप्रकाश सिंह यादव बक्सर बिहार सहित तमाम बड़े छोटे कलाकार अपनी गायकी से लोगों का मनोरंजन कर रहे है।इन सभी कलाकारों ने लोकगीत बिरहा जगत को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।भोजपुरी बिरहा गीत टीवी चैनल से लेकर शोसल मीडिया पर धमाल मचाया है।
सभी बिरहा गायक कलाकार गुरुपूर्णिमा के अवसर पर वर्ष में एक बार गुरुपूजा मनाते है।सभी छोटे बड़े कलाकार इक्कठा होते है और अपने अखाड़े के गुरु एवं कवि की आरती पूजन करते है। इसी के तहत गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य ठाणे शहर के सावरकर नगर टीएमसी स्कूल हॉल में गुरु अंबिका अखाड़े की तरफ से गुरुपूजा महोत्सव मनाया गया।जिसमें कवि जितेंद्र यादव,कवि प्रह्लाद कश्यप,कवि दिनेश शुक्ला,कवि रघुबर पटेल,कवि राजेंद्र विश्वकर्मा,कवि संजय यादव,कवि बलिराम यादव,कवि विमलेश यादव एवं चंद्रशेखर कवि उपस्थित रहे।
उक्त अवसर पर वरिष्ठ गायक कलाकार इंद्रजीत यादव, लल्ला यादव, प्रेमचंद्र प्रजापति, सदानंद दीवाना,रामू यादव,बालचंद ग्वाला,अनिल कनाउजिया,,नंदलाल (उर्फ)नन्दू जौनपुरी,गायिका रेखा निषाद, गुड़िया उपध्याय,अनिता राजभर,इंदु वेनवंशी,ममता यादव,सहित तमाम कलाकारों की उपस्थिति रही है।साथ ही बिरहा बिहारी परिवार के तमाम गायक कलाकार गुरु पूजा में सम्लित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।